BRABU : बिहार विश्वविद्यालय की ओर से स्नातक उत्तीर्ण छात्राओं को कन्या उत्थान योजना का लाभ दिया जा रहा है। वर्तमान में लंबित आवेदनों का सत्यापन किया जा रहा है। इस दौरान देखा जा रहा है कि आवेदन करते समय छात्राओं ने इंटरनेट से डाउनलोड किए गए अंकपत्र को ही अपलोड कर दिया है।
आवेदन में अंकपत्र की मूल कापी स्कैन करके अपलोड करनी है
साथ ही स्कैन करने की जगह मोबाइल से फोटो खींचकर अपलोड करने से नाम व अन्य जानकारी स्पष्ट नहीं दिख रही है। इससे दर्जनों आवेदनों को विश्वविद्यालय स्तर से ही निरस्त किया गया है। डीएसडब्ल्यू प्रो. अभय कुमार सिंह ने बताया कि कन्या उत्थान के लिए आवेदन में अंकपत्र की मूल कापी स्कैन करके अपलोड करनी है।
करीब 38 हजार आवेदन लंबित , इनमें से 24 हजार आवेदन संबद्ध डिग्री कालेजों के
टेबलेटिंग रजिस्टर से उसका मिलान करना होता है। 10-10 दिनों का शेड्यूल तैयार कर जिलावार छात्राओं के आवेदन का सत्यापन किया जा रहा है। अभी करीब 38 हजार आवेदन लंबित हैं। इनमें से 24 हजार आवेदन संबद्ध डिग्री कालेजों के हैं। संबद्ध डिग्री कालेज, वोकेशनल, सेल्फ फाइनेंस कोर्स के विद्यार्थियों के आवेदन को सरकार से सत्यापित करने की अनुमति नहीं दी गई है।
फिर से नए सिरे से प्रमाणपत्र अपलोड कर सकती हैं
ऐसे में इन कोर्स और कालेज की छात्राओं को अभी इंतजार करना होगा। डीएसडब्ल्यू ने बताया कि जिन छात्राओं के प्रमाणपत्र अपलोड करने में गड़बड़ी हुई है। वे ई. कल्याण पोर्टल पर लागइन कर एडिट विकल्प में जाकर फिर से नए सिरे से प्रमाणपत्र अपलोड कर सकती हैं।
छात्रा का अपना अकाउंट जरूरी
योजना का लाभ लेने के लिए छात्रा का अपना अकाउंट जरूरी है। आवेदन के समय कई छात्राओं ने डुअल आपरेटिंग अकाउंट के पासबुक की कापी स्कैन कर अपलोड कर दी। इससे सत्यापन में उनके आवेदन को निरस्त किया जा रहा है।
ये प्रमाणपत्र करने होंगे अपलोड :
- आधार कार्ड
- बैंक अकाउंट
- मूल प्रमाणपत्र
- निवास प्रमाणपत्र
- पासबुक की कापी
- अंकपत्र की मूल कापी
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