बिहार यूनिवर्सिटी के पांच लाख से अधिक विद्यार्थियों को डिग्री देने के लिए मंजूरी मिल गई है। राजभवन की ओर से इसको लेकर स्वीकृति मिलने के बाद यूनिवर्सिटी के पोर्टल पर आवेदन किया जा सकता है। चार वर्ष से मूल प्रमाणपत्र के लिए इंतजार कर रहे विद्यार्थियों को इससे राहत मिली है।
राजभवन की ओर से अनुमति मिलने के बाद यूनिवर्सिटी ने जारी की अधिसूचना
हजारों की संख्या में विद्यार्थी डिग्री के लिए आवेदन देकर इंतजार कर रहे थे विधि की ओर से बताया जा रहा या कि राजभवन की ओर से दीक्षा समारोह के संबंध में निर्देश नहीं मिला था। वहीं मूल प्रमाणपत्र इसके जारी करने की तिथि अनिवार्य रूप से देनी होती है। राजभवन की और से तिथि जारी होने के बाद डिग्री के लिए आवेदन किया जा सकता है। बताया गया कि वर्ष 2018 में मार्च के बाद जितनी परीक्षाएं आयोजित हुई हो ऐसे विद्यार्थी आवेदन के योग्य होंगे।
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फिलहाल 2018, 2019 और 2020 में स्नातक, पीजी, वोकेशनल, बीएड और ला समेत अन्य कोर्स में उत्तीर्ण विद्यार्थियों को डिग्री मिलेगी। इन तीन सत्रों को मिलाकर करीब पांच लाख विद्यार्थी यूनिवर्सिटी के विभिन्न कालेजा और पीजी विभागों से उत्तीर्ण हुए हैं। दीक्षा समारोह की तिथि का इंतजार विश्वविद्यालय की ओर से जनवरी महीने में दीक्षा समारोह आयोजित करने को लेकर राज भवन की तिथि प्रस्तावित की गई थी, लेकिन अबतक तिथि की स्वीकृति नहीं मिल सकी है।
कम हुई डिग्री के लिए आवेदन की फीस के
यूनिवर्सिटी के वेबसाइट पर डिग्री के लिए आवेदन की फीस कम कर दी गई है। छात्र संघ की ओर से करीब आठ महीने पूर्व सीनेट की बैठक के दौरान इस मुद्दे पर जोरदार विरोध हुआ था। इसके बाद कुलपति प्रो. हनुमान प्रसाद पांडेय ने कहा था कि डिग्री के लिए फीस में 100 रुपये कमी की जाएगी। नवंबर तक छात्र छात्राओं से मूल प्रमाणपत्र के लिए आवेदन करने पर स्वयं से डिग्री प्राप्त करने पर 500 और डाक से प्राप्त करने के लिए 700 रुपये लिए जा रहे थे। वहीं अब यह कम होकर 400 और 500 रुपये कर दी गई है।
पाठ्यक्रमों का फॉर्मेट मेल पर भेजा, स्टूडेंट शुल्क जमा कर डेटा देंगे
कॉलेज में ही मिलेगी डिग्री परीक्षा विभाग ने कॉलेज प्राचार्यों के मेल पर अलग-अलग कोर्स के लिए डिग्री फॉर्मेट भेजा है। छात्र-छात्राएं ऑनलाइन शुल्क जमा कर फॉर्मेट के अनुसार डेटा कॉलेजों को देंगे। वेरीफिकेशन के बाद हिन्दी में डेटा मंगाया जाएगा फिर डिग्री प्रिंट कर संबंधित कॉलेज में ही भेज दी जाएगी। परीक्षा नियंत्रक ने कहा कि कॉलेजों के पास भी एक टीआर की कॉपी है। वहां वेरीफिकेशन के बाद विवि में भी जांच की जाएगी।
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